Saturday, December 13, 2008

no title.....

कुछ सपने टूटने के लिए ही देखे जातें हैं
कुछ अरमान कभी पुरे नही होतें
कहीं दूर गंगन में उभरा इन्द्रधनुस,
अपना कभी नहीं होता.

सपने टूट गए तो कया गम है,
फिर से नए देख लेंगे,
आख़िर एक ही तो तजुर्बा है हम में
सपने देखते ही रह जायेंगे..........

pathetic spellings....but then, my Hindi spellings were always a pain for my teachers

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